Last modified on 4 जुलाई 2015, at 13:10

कहाँ हैं दलित लेखक / एन. मनोहर प्रसाद

Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 13:10, 4 जुलाई 2015 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=एन. मनोहर प्रसाद |अनुवादक= |संग्रह=...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

दलित बुद्धिजीवी?
हम उन्हें पहचान नहीं सकते
न ही दे पाते उन्हें सम्मान
हम भोग रहे दासत्व
मुद्दतों से रहते आ रहे ग़ुलाम
कि हम सब सत्ताधीशों से ही हैं डरते
और सम्मान भी उन्हीं का करते
कि वैभव के तमाशे और नंगी सत्ता को ही
हम पूजते— उनके ही आज्ञाकारी होते—
हम होते हैं प्रभावित
तुच्छ आकांक्षाओं और रोटी के चन्द टुकड़ों से
क्षुद्र उपहारों या कलदारों (पैसों) —
और चुटकी भर लाभों से!