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ततैये को छेड़ा / शेरजंग गर्ग

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ततैये को छेड़ा, ततैये ने काटा,
हुआ कुछ नहीं किन्तु मुन्ने को घाटा।

जहाँ पर भी काटा, वहीं है मुटापा,
चिढ़ाती है मम्मी, मनाते हैं पापा।

ततैया न काटे, ततैये से बचना,
कि दीदी न डाँटे, ततैये से बचना।