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बराम्हन नेवतब, बराम्हनी नेवतब / मगही

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मगही लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

बराम्हन नेवतब<ref>निमंत्रित करूँगी</ref> बराम्हनी नेवतब।
नेवतब, पोथिया सहिते<ref>साथ</ref> चलि आवऽ, माई हे।
कब हम देखम<ref>देखूँगी</ref> रामजी जनेउआ, कब हम देखम
किरिस्न<ref>कृष्ण</ref> जनेउआ, माई हे॥1॥
कुम्हरा<ref>कुम्हार, कुम्भकार</ref> नेवतब, कुम्हइनियाँ<ref>कुम्हारिन, कुम्भकार की स्त्री</ref> नेवतब।
नेवतब, कलसा सहिते चलि आवऽ, माई हे।
कब हम देखम रामजी जनेउआ, कब हम देखम
किरिस्न जनेउआ, माई ह॥2॥
हजमा नेवतब, हजमिनियाँ नेवतब।
नेवतब, छुरवा समेते चलि आवऽ, माई हे।
कब हम देखम रामजी जनेउआ, कब हम देखम
किरिस्न जनेउआ, माई हे॥3॥

शब्दार्थ
<references/>