भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

अरजी बरजी करइ छोटकी ननदिया / मगही

Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 17:28, 28 जुलाई 2015 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKLokRachna |भाषा=मगही |रचनाकार=अज्ञात |संग्रह= }} {{KKCatMagahiR...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

मगही लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

अरजी बरजी<ref>अरजी-बरजी = प्रार्थना</ref> करइ छोटकी ननदिया।
आइ रे गेलइ इहमा<ref>यहाँ</ref> मास रे फगुनमा<ref>फाल्गुन</ref>॥1॥
जो तोंहे जइहऽ भउजी, अपन कोहबरवा।
भइया से कहि मोरा, रखिहऽ नेअरबा<ref>ससुराल जाने के लिए दिन निश्चित करना</ref>॥2॥
नहीं माँगू थारी<ref>थाली</ref> लोटा, नहीं माँगू धनमा।
एक हम माँगू भउजी, सिर के सेनुरबा।
एक हम माँगू भउजी, तोहरो सोहगबा॥

शब्दार्थ
<references/>