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गतिविधियाँ यदि ठीक हों / त्रिलोक सिंह ठकुरेला

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गतिविधियाँ यदि ठीक हों, सब कुछ होगा ठीक।
आ जायेंगे सहज ही, सारे सुख नजदीक॥
सारे सुख नजदीक, आचरण की सब माया।
रहे आचरण ठीक, निखरते यश, धन, काया।
'ठकुरेला कविराय, सहज मिलतीं सब निधियाँ।
हो सुख की बरसात, ठीक हों यदि गतिविधियाँ॥