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भले भाल पर बिन्दु सिन्दूर सोहै / प्रेमघन
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भले भाल पै बिन्दु सिन्दूर सोहै,
लखे जाहिके कोटि कन्दर्प मोहै।
घन श्याम से ह्याँ घनश्याम राजैं,
इतै दामिनी हूँ तिया देख लाजैं॥