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शहरे हेनोॅ आबेॅ गाँव / नन्दलाल यादव 'सारस्वत'

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शहरे हेनोॅ आबेॅ गाँव
कादोॅ-कीचड़; कन्नेॅ जाँव।

कहूँ नै कोयल केरोॅ बोल
अमराई मेॅ काँव, काँव, काँव।

कत्तेॅ जल्दी धोॅन हसोतौं
सबकेॅ एक्के यहा निसाँव।

दूर तलक बस्ती नै सूझै
थकलोॅ जाय छै की रं पाँव।

सारस्वतोॅ लेॅ बीहड़ जंगल
एक यहा बचलोॅ छै ठाँव।