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है मरूभूमि छेकै केकरो की पता ऐतै / अमरेन्द्र

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है मरूभूमि छेकै केकरो की पता ऐतै
कुछ जों ऐतै तेॅ उमसलोॅ होलोॅ हवा ऐतै
है के कहतै कि जानो जिस्म में ऐतै चल्लोॅ
जान गेल्है केरोॅ बादोॅ में जों दुआ ऐतै
आँख मुनलोॅ रहोॅ तोरा तेॅ पता नै चलतौं
जाबेॅ दौ केकरौ लेॅ आबै छै सौ बला, ऐतै
ई सुनी कतना खुश दिखै छै जमानावाला
फैसला होलोॅ छै ई हमरा लेॅ सजा ऐतै
एक खरगोश के चक्कर में सिंह पड़लोॅ छै
कैन्हें ओकताबै छोॅ आब्हैं तेॅ ऊ मजा ऐतै
आय तलक आँख रोॅ खुशिये ही गजल में ऐलै
कहिया गजलोॅ में दरद दिल के ई जमा ऐतै
की छै अमरेन के पासोॅ में गजल गीतोॅ के
ओकरो लुग कोय्यो कथी लेॅ कहोॅ भला ऐतै

-8.6.92