भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

शीतल मैया वन्दौं / अंगिका

Kavita Kosh से
Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 22:57, 12 मई 2016 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKLokRachna |रचनाकार=अज्ञात }} {{KKLokGeetBhaashaSoochi |भाषा=अंगिका }} {...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

शीतल मैया वन्दौं मधुमालत मैया वन्दौं।2
मैया हे देहोॅ न आशीष
भगता जीऐ सौ वरीस।
धनसर मैया वन्दौ, मैया फूलसर वन्दौं।2
देवे देवे न वरदान-मैया हे भगता पावै ज्ञान।2
ब्रहमा वन्दौं, विष्णु वन्दौं, वन्दौं शिवमूरतिया।2
हरवे न हरवे प्रभु भगता के कुमतिया।2
कालि वन्दौं, सरस्वती वन्दौं, वन्दौ लक्ष्मी पारवतिया।2
देवे न देवे मैया भगता के सुमतिया।