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बड़ोॅ-बड़ोक्का लोग जहाँ पर नंगा नाचै / अमरेन्द्र

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बड़ोॅ-बड़ोक्का लोग जहाँ पर नंगा नाचै
जे मन मेँ आवै छै ऊ सब काम करै छै
आपनोॅ गलती पर ढाकर रँ ही ढकरै छै
कुइयाँ मेँ ढूकी केॅ आपनोॅ कपड़ा खींचै
जाति केॅ कुत्ता रँ साथेँ पोसलै राखै
जेकरा चाहै समय-समय पर कटवावै छै
जेकरोॅ जे चाहै छै मूड़ी छटवावै छै
माय-बहू बेटी इज्जत रोॅ शोरबा चाखै
गुल्ली-डंडा बदला मेँ गोली-भरनांटी
सुखरतिया रोॅ जूआ सालो भर के खेला
चोर-चिबल्ला-हत्यारा रोॅ लागै मेला
छपरी पर छै हुक्का-पाती-सनसनाठी
दलदल में फंसलोॅ सब्भे रोॅ गोड़-पाँव छै
आबेॅ ऊ की पैहिले नाँखी हमरोॅ गाँव छै।