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मैं कौन था / वीरू सोनकर

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साहस से पहले भय आया
और भय से पहले लोभ
सबसे अंत में मैं आया
और मैंने फैसला किया कौन जायेगा, कौन रुकेगा

फिर जो रुका, उसने तय किया
कि मैं कौन था!