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भजत रह हर पद कमल / भवप्रीतानन्द ओझा
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झूमर (शिव-वन्दना)
भजत रह हर पद कमल
भगत-जन-नरकशमन करण मन सफल
रजत वरण पनच वदन असम नयन मदन दहन
दमन शमन बल
चरम वसन गरल-अशन सदन-वर-अचल
तन पेॅ कत उरग चपल झल-मल-शव भसम धवल
सजल जट सकल
वलद ऊपर रमत नगर, नमत अमर दल
भवस कहत ‘भव’ ई वचन जनम-परण-करह-हरण
वरह पट अटल
तवऊ भवन गमन करण करह पथ सरल।