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बौनों का इतिहास / सुनो तथागत / कुमार रवींद्र

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यह भी सच है
बौनों का इतिहास पुराना है
 
हम भी करें, भाई जी, क्या
हम डरे हुए उनसे
वे कर रहे खोखला सब कुछ
लगे हुए घुन से
 
जो उनसे बच गया
समझ लें, वही सयाना है
 
आदिम बौने ने
पाँवों से त्रिभुवन घेरा था
बलिराजा की नगरी में तब
हुआ अँधेरा था
 
मन को समझाने को
हाँ, अब यही बहाना है
 
बौनों ने अगले युग तक अब
पाँव पसारे हैं
उनकी ही महिमा से
सारे जल ये खारे हैं
 
नहीं क्षीर-सागर का
कोई पता-ठिकाना है