भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

ज्ञानमती मनमोहन विवाह / प्रेम प्रगास / धरनीदास

Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 00:09, 20 जुलाई 2016 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=धरनीदास |अनुवादक= |संग्रह=प्रेम प...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

हिन्दी शब्दों के अर्थ उपलब्ध हैं। शब्द पर डबल क्लिक करें। अन्य शब्दों पर कार्य जारी है।

चौपाई:-

जबहि तुलना लग्न विचारा। विप्र वेद धुनि कीन्ह उचारा॥
दूमो नृपति दियो अंकवारी। जानि परस्पर पूर्व चिन्हारी॥
कन्यादान नृपति जब कियऊ। बहुत दान विप्रन कंह दियऊ॥
सेंदुर वंद वहोरि कराऊ। जन्म जन्म पर गांठि दिवाऊ॥
कुँअर कुंअरि परदच्छिन कीन्हा। देवन वेणु शंख धुनि कीन्हा॥

विश्राम:-

जंह लागे यज्ञ विधाना सब, धरनी वरनि न पार।
जाननि हारा जानि है, कहो अल्प अनुसार॥240॥