भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

सोहिल विवाह / रसलीन

Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 00:15, 23 जुलाई 2016 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रसलीन |अनुवादक= |संग्रह=फुटकल कवि...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

गनपति आराधि आदि उत्तम सगुन साधि सुभ घरी धरी लगन।
गावत गुनीन गायन मोहत नर नारायन इंद्रादिक सुन सुन होत मगन॥
जर कसे जोर तोरे कंचन घारे देत जाके जोन जटित नगन।
मुहम्मद मुहसिन नंद बख्त बलंद बनाँ नूरुल हसन जीउ जोलै दुहू गगन॥87॥