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नाम बिना तन कोन काम रे / संत जूड़ीराम
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नाम बिना तन कोन काम रे।
निकसी स्वाश आश सब छूटी काम न आवत तनक चाम रे।
मद हंकार द्रोह काया में भूल रहो धन धवल धाम रे।
अरुभु रहो जंजाल जाल में जौन भयो हर को हराम रे।
जूड़ीराम नाम के सुमरे सब विधि पूरन होत काम रे।