भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
हौ एत्तेक बचनियाँ देवता सुनै छै / मैथिली लोकगीत
Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 06:39, 10 अगस्त 2016 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKLokRachna |भाषा=मैथिली |रचनाकार=अज्ञात |संग्रह=सलहे...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
मैथिली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
हौ एत्तेक बात जे साँमैर बोलै छै
तेकर जवाब नरूपिया दै छै
हा सुनऽ सुनऽ सती दुलहिनियाँ
एत्तेक बात पहिने हम कहली
भाइ कुमार महिसौथा रहतै
हम नइ बिआह महिसौथा करबै
तोरा बातमे हम पड़लीयै
तू ही बान्ह अगुआ आइ खोला दीयौ यै।
हौ तबे जवाब सती साँमैर दै छै
हा सुन हौ स्वामी, स्वामी नरूपिया
हौ अपन धोती हौ हमरा दऽ दय।
आ डाँरके साड़ी स्वामी पहिरीयौ
हा सवा हाथ डंटा दऽ दय
अपने जेबै हम तीसीपुरमे
आ डोलिया फनाँके हम कुसमावती के लौबै हौ।।