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देर करीं छाकाणि? / हरि दिलगीर

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देर करीं छाकाणि? हली अचु हाणि, सॼण तूं देर न करि।
सॼण तूं देरि न करि॥

तूं मां कोन सुभां हूंदासीं, जो अथई सो आणि।
सॼण तूं देरि न करि॥

प्रीति पखीअ जां उॾिरी वंदी, अचिणो थी, अचु हाणि।
सॼण तूं देरि न करि॥

चइनि घड़ियुनि जे लइ चांडोकी, चेहरे जी चांडाणि।
सॼण तूं देरि न करि॥

जोभनु फ़ानी, माणि जवानी, माणि जवानी, माणि।
सॼण तूं देरि न करि॥

सिक जो साजु टुटण ते आहे, तंदु न एॾी ताणि।
सॼण तूं देरि न करि॥