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ॻोठाणी / मुकेश तिलोकाणी
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ॻोठाणी ॾुबिरी
डंदनि निकतल
चिॿीअ चेल्हि ते
बारु ढोईंदी
डोड़ंदी वते
सहिकंदी वते
खिलंदी वते।
शहर जूं
हसीन, शोख़ निगाहूं
ॾिसनि
विचार कनि
ॻोठाणी अलमस्त
पंहिंजी मस्तीअ में
बिना हिजाब जे
शहर जे बस्तीअ में
हलंदी अचे,
नचंदी वते, टिपंदी वते,
खिलंदी वते।