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बे नको / मुकेश तिलोकाणी
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हू, पाण ई चवाए
बे नको
”मूंखे नकु न आहे“
बदिलियल ज़माने जी
बदबू सिंघे
”मां“, प्लास्टिक सर्जरी
कराए छॾी आहे।
हाणि नक जी जॻहि ते
र्मिचाई पकोड़ो
हणीं छॾियो अथमु।
हाणे बे बाकु
ठीकु ठाक
थी चालाकु
ख़तरनाक
जीआं पियो
जॻ में।