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अञा जीआं पई / मुकेश तिलोकाणी
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हाणि पछताअ ते
रुअंदे-रुअंदे
टहक ॾियां
पुराणियुनि यादुनि खे
ताज़ो करे
सुवालु पुछां?
जवाबु:- कुझु न।
हा.., जीआं पई
जेको ॼातुमि,
सो न पातुमि,
तूं भुलिजी विऐं!
मूं कोशिश कई
अञा जारी।
ॾोहु पाण ते मढ़ियां
या, हुन ते
कंहिं ते?
रुआं ऐं खिलां पई
अञा जीआं पई।