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बुकिंग / मुकेश तिलोकाणी

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बिना नाले वारियूं क़बरुं
ज़मीन बजाइ
ज़मीन खां
20 (वीह) फुट ऊचियूं
उभिरी आयूं आहिनि
ईंदड़ वक़्त में
मारबल जे पत्थर ऐं
मथिसि रेशमी
चादर सां
सजायूं वेंदियूं।
ताज़नि गुलनि, हारनि बदिरां
प्लास्टिक जे
सेंटेड सुहिणनि, सुंदर गुलनि सां
ॿहिकायूं वेंदियूं।
अञा थोरो इन्तज़ारु करियो
बिलाशक सोचियो
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