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दमु / मुकेश तिलोकाणी

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हिन गुज़िरियल
वॾे अर्से में
छॾणु खपंदो हो तोखे दमु।
अण ॼाण रही
बिना डप जे
वहिकरे में
लुढ़ंदो विऐं, सभु सहंदो विऐं।
मुहिंजुनि नज़रुनि
जॾहिं ॾिठो आहे
दिल महिसूस करण
शुरू कयो आहे
तॾहिं खां
मुंहिंजी दिल धुॾणु ऐं
दमु छॾणु
शुरू कयो आहे।