भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
तकियाकलाम / रमेश तैलंग
Kavita Kosh से
Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 11:29, 16 फ़रवरी 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रमेश तैलंग |अनुवादक= |संग्रह=मेरे...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
क्या नाम? क्या नाम जी, क्या नाम?
दादाजी का है तकियाकलाम।
‘क्या नाम बचुवा, इधर तो आना।
क्या नाम मेरा चश्मा तो लाना।
क्या नाम अब न शोर मचाना।
करना है मुझको जरूरी काम।’
क्या नाम? क्या नाम जी, क्या नाम?
दादाजी का है तकियाकलाम।
‘क्या नाम बचुवा, कितना बजा है?
क्या नाम देखो इधर क्या पड़ा है?
होता नहीं तुझसे कोई भी काम।’
क्या नाम? क्या नाम जी, क्या नाम?
दादाजी का है तकियाकलाम।