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विपर्यय / ब्रजेश कृष्ण
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आज मैंने तय किया था
कि सारे वक़्त
सिर्फ तुम्हारे बारे में सोचूँगा
लेकिन हमेशा की तरह
मैं वक़्त के बारे में
सोचता रहा
जिसमें तुम नहीं थे।