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तिरंगा / श्रीप्रसाद
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छूता है आकाश तिरंगा
बादल के है पास तिरंगा
भारत की है आस तिरंगा
भारत के ऊपर छाया है
दूर हवा में लहराया है
सूरज ने आ चमकाया है
हम गाते हैं इसका गाना
‘जन-गण-मन’ है गीत सुहाना
इस झंडे के नीचे आना
जब गुलाम था भारत प्यारा
तब झंडा था यही सहारा
इस झंडे से दुश्मन हारा
हमने इसका गाना गाया
सारा देश उमड़कर आया
उस दिन था दुश्मन थर्राया
कितनों ने ही की कुर्बानी
उनकी है यह ध्वजा निशानी
वे थे सब स्वदेश अभिमानी
हम सबसे है बड़ा तिरंगा
अडिग भाव से खड़ा तिरंगा
सबके मन में चढ़ा तिरंगा।