भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

अख़बारों के कवर किताबों पर / विजय किशोर मानव

Kavita Kosh से
Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 15:33, 20 मार्च 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=विजय किशोर मानव |अनुवादक= |संग्रह=...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

अख़बारों के कवर किताबों पर
विज्ञापन हैं मढ़े गुलाबों पर

चाबुक दिन के, चलते पीठों पर
रात कमीशन लेती ख़्वाबों पर

मुल्क़ हो गया है कारिंदों का
लगे ठगी के जुर्म नवाबों पर

हर सूरत पर कालिख़ पुती हुई
नाम-नाम लिख लिया नक़ाबों पर