भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

42 / हीर / वारिस शाह

Kavita Kosh से
Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 17:42, 29 मार्च 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=वारिस शाह |अनुवादक= |संग्रह=हीर / व...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

चिड़ी चूकदी नाल जां टुरे पांधी पइयां चाटियां विच मधानियां नी
उठ गुसल दे वासते जा पुजे सेजां जिनां ने रात नूं मानियां नी
रांझे कूच कीता आया नदी उते साथ लदया पार मुहानियां नी
वारस शाह मियां लुडन बड़ा लोभी कुपा शहद दा लदया बानियां नी

शब्दार्थ
<references/>