Last modified on 31 मार्च 2017, at 11:22

161 / हीर / वारिस शाह

Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 11:22, 31 मार्च 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=वारिस शाह |अनुवादक= |संग्रह=हीर / व...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

जदों खत दिता लिया कासदे ने नढी हीर ने तुरत फड़ाया ए
सारे मामले अते मिलाप सारे गिला लिखया वाच सुनाया ए
घलो मोड़के दयोर असाडड़े नूं मुंडा रूस हजारयों आया ए
हीर सद के रांझणे यार ताईं सारा मामला खोल सुणाया ए

शब्दार्थ
<references/>