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161 / हीर / वारिस शाह
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जदों खत दिता लिया कासदे ने नढी हीर ने तुरत फड़ाया ए
सारे मामले अते मिलाप सारे गिला लिखया वाच सुनाया ए
घलो मोड़के दयोर असाडड़े नूं मुंडा रूस हजारयों आया ए
हीर सद के रांझणे यार ताईं सारा मामला खोल सुणाया ए
शब्दार्थ
<references/>