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184 / हीर / वारिस शाह

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लगे नुगदियां तलन ते सकरपारे ढेर लांवदे ने वड़ घेरवां दे
तले खूब जलेब गुलभिशत बूंदी लडू टिकियां भिनड़े मेवरां दे
मैदा खंड ते घिउ पा रहे जफी भाबी लाडली नाल जिउं देवरां दे
कलाकंद मखानयां सुआद मिठे पकवान गन्ने नाल तेवरां दे
होर जहान दी रसद आई, बाजूबद बंने सभा जमाह हाई नाल तेवरा दे

शब्दार्थ
<references/>