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378 / हीर / वारिस शाह
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केही दसी ए अकल सयाणयां नूं कदी नफर<ref>नौकर</ref> कदीम<ref>पुराना</ref> संभालीए नी
दौलतमंद नूं जाणदा सभ कोई नेहुं नाल गरीब दे पालीए नी
गिधीं बोल ढंडोरड़ा जग सारे जिउ समझ लैखेड़यां वालीए नी
वारस शाह है इशक दा गउतकिया<ref>बड़ा सिरहाना</ref> हुसन वालीए गरम निहालिए नी
शब्दार्थ
<references/>