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484 / हीर / वारिस शाह

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ससे मल दल सुटिए वाग फुलां झोकां तेरियां मानियां बेलियां नी
किसे जोम<ref>तजरबेकार</ref> भरे फड़के नपिए तू धड़के कालजा पौंदिया त्रेलियां नी
किसे लई हुशनाक ने जीत बाजी पासा लायके बाजीयां खेलया नी
सूबेदार ने किले नूं ढो तोपां कारस जोर रईयतां मेलियां नी

शब्दार्थ
<references/>