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केकरऽ केकरऽ बात करै छौ / खुशीलाल मंजर

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बाबू हो बाबू माय गे माय
केकरऽ भरोसा पर काटबऽ आय
सभ्भे छै सभ्भे रं करनी छै एक
केकरौ दिलऽ में नै कुच्छ बिवेक
जेकरा जे जखनी आबै छै
बुड़बक खन बनाबै छै
आबेॅ की होतै हमरा पछताय
बाबू हो बाबू माय गे माय

ऐन बकतऽ पर धोखा देतौं
उलटा सीधा खूब पढ़ैतौं
के छे खराब आरो के छै नीक
लागतौं हेनऽ कि सब ठिक्के ठीक
सभ्भे छै एक्के केटली के चाय
बाबू हो बाबू माय गे माय

आबेॅ की माथा पर हाथ धरै छी
केकरऽ केकरऽ बात करै छी
सभ्भे तेॅ खेलै छै नुक्का चोर
हमरा मचैला सें की होतै सोर
कत्तो करौं हम्में उपाय
बाबू हो बाबू माय गे माय
तनिटा गलती तेॅ है रं पिड़ैलकै
धरती पर मछरीर हमार तड़पैलकै
तहियो नै उठलऽ छै आभियो विस्बास
नै जानौं कथीलेॅ करलऽ छी आस
सब गुड़ माँटी हालं की खंभऽ माय
बाबू हो बाबू माय गे माय