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आओ चलो चलें / बिन्देश्वर प्रसाद शर्मा ‘बिन्दु’
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आओ चलो चलें कुछ नेक काम करने
भला और भलाई का एक काम करने।
कुछ हम सीखें कुछ तुम सीखो
न हम चीखें और न तुम चीखो
आपस में प्रेम अब करना है
दुनिया से अब क्या डरना है
आओ चले बढ़ें कुछ नेक काम करने
भला और भलाई का एक काम करने।
कुछ भूले-भटके हमराही को
नेता-नायक और सिपाही को
उन्हें सेवा-सत्य सिखला देंगे
घट अमृत रस उन्हें पिला देंगे
तन-मन से कहें कुछ नेक काम करने
भला और भलाई का एक काम करने।
दुर्जन तुम सज्जन बन कर
अब भेद-भाव सब दूर करो
क्यों खून-खरावा करते हो
आपस में मिलना मंजूर करो
मिलकर सब साथ चलें नेक काम करने
भला और भलाई का एक काम करने।