एक कोई सन्नाोटा
रात को बाँधता जाता हुआ
एक कोई सन्नाोटा
नींद को
लाँघता जाता हुआ
एक कोई सन्नाजटा गलियों में घूमता हुआ
एक कोई सन्नाजटा घर-घर कुछ ढूँढता हुआ
मैं इस सन्नाजटे में टूटता हुआ
एक कोई सन्नाजटा मुझ में ही
टूटता हुआ !
एक कोई सन्नाोटा
रात को बाँधता जाता हुआ
एक कोई सन्नाोटा
नींद को
लाँघता जाता हुआ
एक कोई सन्नाजटा गलियों में घूमता हुआ
एक कोई सन्नाजटा घर-घर कुछ ढूँढता हुआ
मैं इस सन्नाजटे में टूटता हुआ
एक कोई सन्नाजटा मुझ में ही
टूटता हुआ !