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हुस्न को बेहिजाब होना था / बलबीर सिंह 'रंग'

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हुस्न को बेहिज़ाब होना था,
इश्क को कामयाब होना था।

वेखता दोस्त और दुश्मन भी,
हमको खाना खराब होना था।

आओ हम तुम करीबतर हो लें,
हो लिया जो तनाव होना था।

जलते-जलते जो हो गयी पानी,
नाम उसका शराब होना था।

‘रंग’ आता नहीं है, महफिल में,
ये भी इक इन्कलाब होना था।