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मेरी मोहब्बत तोबा-तोबा / बलबीर सिंह 'रंग'
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मेरी मोहब्बत तोबा-तोबा,
आपकी नफ़रत तोबा-तोबा।
हुस्न की दौलत तोबा-तोबा,
इश्क़ की बरक़त तोबा-तोबा।
सुनते हैं श्रीमान करेगे,
नज़रे इनायत तोबा-तोबा।
कोई भी राहत रास न आई,
हाय री किस्मत तोबा-तोबा
ख़ाक नई तामीर करेंगे,
अहले सियासत तोबा-तोबा।
ख़ल्क में है इख़लाक़ हमारा,
मुल्क की हालत तोबा-तोबा।
साहिले-ग़म तक आ पहुँची है,
मौजे़ मसर्रत तोबा-तोबा।
जी में आये कह देता है,
‘रंग’ की जुर्रत तोबा-तोबा।