भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

बौड़म जी का इतिहास-ज्ञान / कन्हैयालाल मत्त

Kavita Kosh से
Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 16:40, 28 जून 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=कन्हैयालाल मत्त |अनुवादक= |संग्रह...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

बौड़म जी पढ़ने जाते थे
गपड़-सपड़ कॉलेज,
और वहाँ से भर लाते थे
झोले में नॉलेज!

पापा बोले-'पुत्र, सुनाओ-
मुझे जरा इतिहास।'
बौड़म जी ने झोला खोला,
बोले ले निश्वास-

'द्वापर के रावण ने मारा
त्रेता-युग का कंस!
पापा! उसने चुरा लिया था
दमयंती का हंस!