भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

लोग कहै छै / विजेता मुद्‍गलपुरी

Kavita Kosh से
Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 12:22, 11 जुलाई 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=विजेता मुद्‍गलपुरी |अनुवादक= |संग...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

लोग कहै छै
तीन केकरो इंतजार नै करै छै
समय मौत आरो ग्राहक

हम पढ़लिऐ-
राम चरित मानस में
राम जन्म महोत्सव में
एक महीना के दिन भेलै
समय इन्तजार करलकै

महाभारत में-
भीष्म पितामह
शर-शय्या पर परल रहलाथ
मृत्यु इंतजार करलकन

आरो
देखै छीऐ
आजकाल
राशन दोकान पर
लम्बी कतार में
ग्राहक इन्तजार करै छै

तैयो लोग कहै छै
तीन केकरो इंतजार नै करै छै