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गमारिन लड़की / विजेता मुद्‍गलपुरी

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गमारिन लड़की, जब देखै छै
आशमान में उड़ैत हवाई जहाज
बर खुश छै
चाहै छै उहो अकाश में उड़ै ले
याद आबै छै रात के सपना
जब, नर-पशू के डोर से भागै छै
भागि नै सकै छै
उरि जाय छै आशमान में
जहाँ से देखै छै
लाश ढोतें नदी, खून से पटल खेत
धू-धू जलैत बस्ती आरो वादी
यत्र-तत्र सर्वत्र, सुनै छै
पर्वत के चीख, वृक्ष के क्रन्दन
शंख घंटा आरो आजान के आवाज
जिन्दाबाद-मुर्दाबाद के नारा
जब हवा में तैरते-तैरते
थैक जाय छै दोनों हाथ
नै देखै छै कहीं उतरै लायक जगह
तब लौट जाय छै
स्वप्न से जागृतावस्था में
खतम भे जाय छै
हवाई जहाज देखै के खुशी
मैर जाय छै
अकाश में उड़ै के इच्छा
आब ऊ लड़की
हवाई जहाज देख के
खुश नै होय छै