ऊँचाई / पंकज सुबीर

Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 17:17, 30 दिसम्बर 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=पंकज सुबीर |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCatKav...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

दूर से ही नज़र आ रहे हैं दोनों
लगभग समानांतर हैं
मगर
बढ़ते ही जा रहे हैं
दोनों
आकाश की ओर
लगी है होड़ दोनों में
ऊँचा उठने की
एक दूसरे से
ऊँचे, ऊँचे और ऊँचे
उठते जा रहे हैं दोनों
मंदिर का शिखर
और
मीनार
मस्जिद की
भुला चुके हैं दोनों
असली परिभाषा
ऊँचा उठने की।

इस पृष्ठ को बेहतर बनाने में मदद करें!

Keep track of this page and all changes to it.