भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

निर्गुण गीत / सरोज सिंह

Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 22:18, 23 जनवरी 2018 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=सरोज सिंह |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCatBhojpu...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

हमरे अंचरवा पs जिनगी के दाग बा
छोड़sवले नाही छूटत यार बलम जी
जवने रंगवा के... गsरिया रंगवलs
ओही रंगे रंगब... संसार बलम जी
जिनगी के चउंध से... मनवा उबियाईल
नाही केहू तोरे नियर.. दिलदार बलम जी
जोबन के जर में... लागsता दियका
ढहल उमीरिया मांगे... उद्धार बलम जी
सगरो उठी सोर... जब आई बरियात
लोराईल नेहिया लिपी... घर-दुआर बलम जी
बिरथा गवsवनी... कुछु ना कमsवनी
मांगी नेगचार देब... साँस उधार बलम जी
बीदाई के बारी... तू भेजिहs असवारी
दुल्हिन अस करब... .सिंगार बलम जी