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सीरत के बतिया / जयशंकर प्रसाद द्विवेदी
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सूरत ना हमरी निहारी ए राजा॥
सीरत के बतिया बिचारीं ए राजा॥
ढलती उमिरिया में चिचुकल चेहरवा
अचके भुलाइल गावल कहरवा
केतना ई देहिया निखारी ए राजा॥ सीरत के बतिया...
कसक न मनवा ठसक नाही चलिया
कनवाँ में करकत सरकेले बलिया
बीतल जवन मत उचारीं ए राजा॥ सीरत के बतिया...
गरदिश में नीकसल बाली उमिरिया
भइल मोहाल मोर तिरछी नजरिया
हियवा के टीस मत उभारीं ए राजा॥ सीरत के बतिया...
कहवाँ बचल अब पतरी कमरिया
घेरले जाता रोजे नवकी बीमरिया
पहिलकी पिरितिया सभारीं ए राजा॥ सीरत के बतिया...