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देवी गीत 4 / रामरक्षा मिश्र विमल

ए देवी मइया बढ़ावऽ चरनवा.
 
ताकींले सगरी डगरिया चिहुँकि के
देखीं ना तोहके त रोईं डहकि के
भरि आवे अँखियन में भादो सवनवा.
 
अइबू त सधिया ना फूला समाई
खुशी के नया जोति अँखियन में आई
बहि जाई जिनिगी में सुख के पवनवा.
 
तोहरे चरनिया के आसा में सर बा
नेहिया के अमिरित पियासल अधर बा
गमकइहऽ एक दिन विमल के अङनवा.