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जुवा-जुवी खेलने का गीत / 2 / राजस्थानी
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राजस्थानी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
राया को जीत्यो रे, डेड़ा की हारी रे।
डेड़ा की जीती रे, राया को हारी रे।
नोट- इसी तरह इन लाइनों को सात-सात बार गाएं।