भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
कौन किसकी क्या कहानी कह गया / दरवेश भारती
Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 23:42, 7 दिसम्बर 2018 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=दरवेश भारती |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCat...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
कौन किसकी क्या कहानी कह गया
सुनते ही हर शख़्स सहमा रह गया
चन्द उम्मीदों पे था दारो-मदार
टूटते ही जिनके सब-कुछ ढह गया
क्या ज़रूरी था उगलना कड़वा सच
बोल पाया कुछ न वो बस सह गया
वक़्त ने जब भी दिखाया अपना रंग
था ग़ुरूर इन्सान में जो वह गया
कैसे लौटायेंगे 'दरवेश' आप उसे
उम्र का दरिया था बहना, बह गया