Last modified on 4 मई 2019, at 20:35

किस कदर मजबूर हम तुम / मृदुला झा

Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 20:35, 4 मई 2019 का अवतरण (Sharda suman ने किस कदर मजबूर हम तुमए / मृदुला झा पृष्ठ किस कदर मजबूर हम तुम / मृदुला झा पर स्थानांतरित...)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

हर किसी से दूर हम तुम।

याद है वो पल सुहाना,
जब हुए मशहूर हम तुम।

क्या खता इसमें हमारी,
जो बने नासूर हम तुम।

खुद को दो पल ही मिले जो,
भोग लें भरपूर हम तुम।

कह रहा अब यह जमाना,
हो गए मगरूर हम तुम।