भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
मदद ! / निकानोर पार्रा / देवेश पथ सारिया
Kavita Kosh से
Kumar mukul (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 15:12, 26 जून 2021 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=निकानोर पार्रा |अनुवादक=देवेश पथ...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
नहीं मालूम कि मैं कैसे यहां आ पहुंचा:
मैं ख़ुशी से दौड़ा जा रहा था
अपनी टोपी दाएं हाथ में पकड़े
एक चमकती तितली का पीछा करता
जिसने मुझे प्रसन्नता से पागल कर दिया था
और अचानक! मैं अटक कर गिर गया
मुझे नहीं मालूम कि बग़ीचे को क्या हुआ
बर्बाद हुआ पड़ा है यह
मेरी नाक और मुंह से ख़ून निकल रहा है
मुझे सच में नहीं मालूम कि क्या हो रहा है
मेरी मदद करो
या गोली मार दो मेरे सिर में।
(अंग्रेजी अनुवाद: मिलर विलियम्स)
अँग्रेज़ी से अनुवाद : देवेश पथ सारिया