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सच की तरह / देवेन्द्र आर्य

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तोड़ती है
एक चुप्पी
एक
चुप्पी जोड़ती है
आप किसके
साथ हो, बोलो !

एक है कमज़ोर
गलगल
दूसरी है पुष्ट
दलदल ।
एक गूँगी
अर्थ के अनगिन
झरोखे खोलती है
एक पुस्तक
की तरह
अलमारियों में
डोलती है
आप किसके
साथ हो, बोलो !

झूठ का
मतलब चिता है
सच का
मतलब अस्मिता है
एक सच्चाई
भरम-सी उम्रभर
रिश्ता निभाती
दूसरी,
सच की तरह
मझधार में ही
छोड़ती है
आप किसके
साथ हो, बोलो !